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एक थी सीता - उपन्यास
MB (Official)
द्वारा
हिंदी लघुकथा
इत्तफाक की बात कि दक्ष के एक और पुत्री थी - विजया। वह सुन्दर नहीं थी। बुद्धिमान तो थी, पर काफी बुद्धिमान नहीं। किसी पुरुष ने उसकी कामना नहीं की, इसलिए वह बिन ब्याही रह गयी। वह प्रौढ़ा कुमारी अपनी ब्याहता बहन सती के पास आती-जाती रहती थी, सिर्फ स्पर्शसुख प्राप्त करने के लिए। आदत से भी कुँवारी ही थी - अपने पिता दक्ष और शिव से चिढ़ी हुई भी रहती थी क्योंकि वे सती को अतिरिक्त स्नेह देते थे। उसका कोई खयाल नहीं करते थे। यह दुखी आत्मा अक्सर सती से यही कहती थी - प्यारी बहन, मैं तेरी जगह होती तो मैं..., और कहते-कहते सपने लेने लगती - जैसा सपना वह इस वक्त भी ले रही थी। शैया पर पसरकर खर्राटे लेते हुए। बायें नथुने के बिल से जैसे ईर्ष्या का विषैला सर्प भीतर रेंग रहा था, अपनी लौ जैसी जीभ चमकाता हुआ... जैसे कोई गुफावासी चिराग लेकर गर्भाशय की तरह की साँसों की खोह में चुपचाप उतर गया हो... वहाँ जाकर विषैले अण्डे देने और कपट रचना करने के लिए वह सन्तुष्ट भी कि देवी ने स्वप्न में उसे सर्प प्रतीक दिखाया था।
इत्तफाक की बात कि दक्ष के एक और पुत्री थी - विजया। वह सुन्दर नहीं थी। बुद्धिमान तो थी, पर काफी बुद्धिमान नहीं। किसी पुरुष ने उसकी कामना नहीं की, इसलिए वह बिन ब्याही रह गयी। वह प्रौढ़ा कुमारी ...और पढ़ेब्याहता बहन सती के पास आती-जाती रहती थी, सिर्फ स्पर्शसुख प्राप्त करने के लिए। आदत से भी कुँवारी ही थी - अपने पिता दक्ष और शिव से चिढ़ी हुई भी रहती थी क्योंकि वे सती को अतिरिक्त स्नेह देते थे। उसका कोई खयाल नहीं करते थे।
टॉमस मान 1875 में जर्मनी में पैदा हुए और 1955 में स्विट्जरलैण्ड में उनकी मृत्यु हो गयी। उनके साहित्य पर 1929 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उन्होंने उपन्यास, कहानियाँ और निबन्ध लिखे हैं, यहाँ उनकी एक भारतीय दन्तकथा का ...और पढ़ेरूपान्तर दिया जा रहा है।
कर्म से ग्वाले, क्षत्रिय कुल के सुमन्त्र की सुगठांगी सुन्दरी सीता और उसके दोनों पतियों (अगर पति कहना ही अपरिहार्य हो तो) की कहानी ऐसी है कि श्रोता से श्रेष्ठ मानसिक बल व माया के विविध रूपों की प्रतिक्रिया में अविचलित रहने की माँग करती है।
सूर्योदय (पूर्व) के समीपस्थ द्वीपों को सागर की गहनतम गहराई आवृत किये हैं। लम्बे सुनहले बालों वाली सागर-कन्याओं से घिरा एक युवक का मृत शरीर मोतियों पर पड़ा था। संगीतमय माधुर्य के साथ आपस में वार्तालाप करती हुई वे ...और पढ़ेअपनी नीलाभ पैनी दृष्टि से टकटकी लगाकर उस लाश को देख रही थीं। गहराइयों द्वारा सुने गये तथा लहरों द्वारा सागर-तट पर सम्प्रेषित यह वार्तालाप मन्द वायु द्वारा मुझ तक पहुँचा।
स्टीफेन ज़्विग जर्मनी के प्रख्यात लेखकों में से हैं। उनकी रचनात्मक उपलब्धियों ने उन्हें विश्व के महान लेखकों की श्रेणी में पहुँचा दिया है। यह उनकी ‘विराट-दी अनडाइंग ब्रदर’ कहानी का संक्षिप्त रूपान्तर है। यह विराट की कहानी है, ...और पढ़ेउस समय की जनता ने बहुत सम्मान दिया था। लेकिन अब उसका नाम न तो विजेताओं के इतिहास में मिलता है और न सन्त या ऋषियों की सूची में। लोगों को उसकी याद तक नहीं है।
जापानी साहित्य के मध्यकाल में जो युद्ध-साहित्य लिखा गया उस पर बौद्ध दर्शन का विशेष प्रभाव पड़ा है। अंकुतागावा (1892-1927) भी बौद्ध दर्शन से विशेष प्रभावित थे, इसका प्रमाण उनकी यह कहानी है। जापानी लेखकों में अंकुतागावा की रचनाओं ...और पढ़ेअनुवाद सबसे अधिक हुआ है।
एक दिन बुद्ध स्वर्ग के पद्म सरोवर के किनारे अकेले भ्रमण कर रहे थे।
सरोवर में खिलनेवाले पद्म मोतियों-से सफेद थे और उनका सुनहरी पराग उड़-उड़कर आसपास की सारी हवा को मादक सुगन्ध से भर रहा था।