BABY -2 book and story is written by Dhruv oza in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. BABY -2 is also popular in नाटक in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
BABY -2 - उपन्यास
Dhruv oza
द्वारा
हिंदी नाटक
Screening 1{Arabian sea}(एक जहाज के मुहाने पे बैठे दो शक्स बात करते हुए)पेहला शख्स - क्या सभी तैयारियां मुकम्मल हो गयी है?दूसरा शख्स - हा हमीद जैसा तुमने बताया सब प्लेन के मुताबिक है इंशाअल्लाह इस बार हिदुस्तान में अबतक की सबसे बड़ी ईद मनाई जाएगी और हमे ईदी भी सबसे बड़ी मिलेगी ।हमीद - नही फरहान ये मेरे चाचाजान के लिए मेरी तरफ से ...नही मेरी नही हिदुस्तान की तरफ से सबसे बड़ा तोहफा होगा ।(हमीद जोरो से हँसते हुए)(दिल्ही का एक कार्यालय)(एक बड़ी सी बिल्डिंग में घुसते हुए एक लेडी ऑफिसर अपने एक दूसरे ऑफिसर को कहती हुई)लेडी
Screening 1{Arabian sea}(एक जहाज के मुहाने पे बैठे दो शक्स बात करते हुए)पेहला शख्स - क्या सभी तैयारियां मुकम्मल हो गयी है?दूसरा शख्स - हा हमीद जैसा तुमने बताया सब प्लेन के मुताबिक है इंशाअल्लाह इस बार हिदुस्तान में ...और पढ़ेकी सबसे बड़ी ईद मनाई जाएगी और हमे ईदी भी सबसे बड़ी मिलेगी ।हमीद - नही फरहान ये मेरे चाचाजान के लिए मेरी तरफ से ...नही मेरी नही हिदुस्तान की तरफ से सबसे बड़ा तोहफा होगा ।(हमीद जोरो से हँसते हुए)(दिल्ही का एक कार्यालय)(एक बड़ी सी बिल्डिंग में घुसते हुए एक लेडी ऑफिसर अपने एक दूसरे ऑफिसर को कहती हुई)लेडी
Screening 2(पाकिस्तान का हैदराबाद शहर)(एक शख्स घरके आंगन में लगे जुले पे बैठा हुआ दूसरे शख्स को बात कर रहा है)पहला शख्स :- क्या सभी डिलीवरी हो गयी? नाज़िर को हमारा पैगाम बात दिया गया है ?दूसरा शख्स :- ...और पढ़ेजनाब पैगाम दे दिया गया है और अगले सात दिनों में सभी डिलीवरी मुकम्मल हो जाएगी, आपके बताये गए रास्तो की वजह से सभी काम सही तौर से चल रहे है ।(तभी घरका दरवाज़ा खुलता है और हमीद अपने साथी फरहान के साथ घर मे दाखिल होता है, हमीद को देखते पहला शख्स जुले से खड़ा हो जाता है और
Screening 3(पाकिस्तान का एक गाँव - मंजीत)खुदाबक्श - अरे रहीम,(चिल्लाके) ओ रहीम यहां आना ।रहीम - जी भाईजान , बताईये क्या हुआ ।खुदाबक्श - अरे में ये पूछ रहा था कि कितने साल से हो तुम यहाँ ?रहीम - ...और पढ़ेजनाब जबसे ये गाव बना है तबसे , पहले जी मे बॉर्डर के उस पार एक गाँव है धोरडो, जो कि कच्छ में आता है वहां रहता था, जब से ये बॉर्डर बनी है में इस तरफ आ गया मेरे रिश्तेदार उस तरफ, खुदाबक्श - अच्छा तो कभी मिलना नही हुआ तुम्हारा उनसे ? कभी गए नही बॉर्डर पार करके ।रहीम