khel pyar ka.. book and story is written by Sayra Ishak Khan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. khel pyar ka.. is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
खेल प्यार का.. - उपन्यास
Sayra Ishak Khan
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) 1एक 16 साल की लड़की जो देखने में बहुत मासूम ओर खूबसूत थी ।उसे जो देखता बस देखता ही रह जाता! उसकी आंखो में अजीब सी बात थी।उसके गांव में बहुत
प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे देखते ...और पढ़ेमेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!) 1एक 16 साल की लड़की जो देखने में बहुत मासूम ओर खूबसूत थी ।उसे जो देखता बस देखता ही रह जाता! उसकी आंखो में अजीब सी बात थी।उसके गांव में बहुत
2 पार्टभाग 1 में अपने पढ़ा कि.........वसीम ओर उसका दोस्त दोनो कायनात और उसकी सहेली का इंतजार कर रहे थे!जैसे ही कायनात ओर उसकी सहेली को आते देखा तो वसीम की आंखो में एक चमक सी आ गई! उनको ...और पढ़ेआते देखा दोनो आगे बढ़े !सलाम दुआ की !वसीम ने कायनात से बात करने की कोशिश की लेकिन कायनात उसे नजरअंदाज करके अपनी सहेली के पिछे जा खड़ी हुई ।क्यू कि कुछ हद तक कायनात वसीम के इरादे समझ गई थी ! फिर भी वो वसीम से दूर दूर सी थी! क्यू की काफी हद तक कायनात भी वसीम को
खेल प्यार का....भाग 3प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज ...और पढ़ेकरोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!)(भाग 2 में अपने पढ़ा की वसीम कायनात का हाथ पकड़ के अकेले में ले जाता है।..)"वसीम ये क्या कर रहे हो ..?कायनात डरते हुए कहा!वसीम ने उसे चुप करते हुआ बोला!आज तुम्हे मेरी बात सुना पड़ेगी..! कब से अपने
भाग 4प्रस्तावना.....कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है ! मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज आप करोगे..! ...और पढ़ेहैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती है..!मुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!)जेसे के अपने भाग...3 में पढा की वसीम ने कायनात को अपने बाहों में ले लिया था.....? 4वसीम ने कायनात को बाहों में ले लिया! और कायनात उसकी बाहों मैं शर्माती हुई
खेल प्यार का...भाग 5प्रस्तावनायह कहानी वसिम और कायनात की प्रेम कहानी है मैं इस कहानी को आपके समक्ष पहली बार रजू करने जा रही हूं! लिखना आता है या नहीं वह तो आप पर निर्भर करता है मुझे जज ...और पढ़ेकरोगे देखते हैं मेरी संवेदनाएं इस कहानी में कैसे रंग लाती हैमुझे यकीन है कि आप लोगों को जरूर पसंद आएगी..!जैसे के अापने भगा 4 में पढा कि पहली बार का मिलन कायनात को पागल कर रहा था..! वैसे ही वसीम का हाल भी कुछ ऐसा ही था....!अब आगे )वसीम ओर कायनात की बड़ी मुश्किल से रात गुजरी!सुबह होते ही