(१) जय हो बकरी माई बकरी को प्रतीक बनाकर मानव के छद्म व्यक्तित्व और बाह्यआडम्बर ...
It is said that the wheel of the chariot of Dharmaraja Yudhishthira never came in contact with the Earth. ...
ऐसा कहा जाता है कि धर्मराज युधिष्ठिर के रथ का पहिया कभी भी धरती की संपर्क में नहीं आता ...
पैसे की तलाश में आदमी को क्या क्या न करना पड़ता है। मोहन एक छोटा सा व्यापारी था। घर ...
चीन का सम्राट अनगिनत जीत हासिल करके भी बहुत परेशान था। मन मे उठते हुए विचार उसके चितवन मे ...
मानव के स्वभाव को दिखाती हुई पाँच कविताएँ1.फितरत इंसान कीइन्सान की ये फितरत है अच्छी खराब भी,दिल भी है ...
दादी की ममता है न्यारी ,पोतो को लगती है प्यारी ,लंगड़ लंगड़ के भी चल चल के ,पोते पोती ...
ये कविता एक आत्मा और यमराज के बीच वार्तालाप पर आधारित है।आत्मा का प्रवेश जब माता के गर्भ में ...
जिन्हें चाह है इस जीवन में, स्वर्णिम भोर उजाले की,उनके राहों पे स्वागत करते,घटा टोप अन्धियारे भी।इन घटाटोप अंधियारों ...
कोरोना में सारा देश बंद हो चूका है । वो तो भला हो फेसबुक और व्हात्त्सप्प का , लोगों ...