Aman Kumar लिखित कथा

दीवार की आंख

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी ‘‘कौन मानेगा इस बात को कि दीवार की भी आंख होती है?’’ कमल सवाल करता है ...

एक टुकड़ा सुख

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी आज एक ऐसे व्यक्ति की कहानी कहता हूँ जिसके पास धन का अभाव था मगर उसने ...

राजू किसान

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी 1 पिता जी! जल्दी उठो, अम्मा की तबियत ख़राब है, बहुत ज़ोर का दर्द उठरिया ...

कोख़ में हत्या

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी सुधा को मुहल्ले भर के सभी बच्चे, जवान और बूढ़े जानते थे। सभी सुधा से बेहद ...

कर्ज़

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी सावन का महीना बीत चुका था। आम की फसल इस बार कम ही थी, सो आम ...

मतदान

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी अब तो हद हो गई है। बर्दाश्त की भी कोई सीमा होती है? बात सभी ...

ग़लती

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी -‘बेटे लाठी मारने से पानी अलग नहीं हो जाता है।’ मान सिंह ने अपने बड़े बेटे ...

उज्ज्वला

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी समीर आज पचास साल बाद गाँव आ रहा था। जब से वह शहर गया था ...

मिट्टी के बर्तन

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यगी अचानक मैंने एक बच्चे को ठोकर खाकर गिरते हुए देखा। मैं उसे संभालने के लिए ...

बड़ा भाई

by Aman Kumar
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अमन कुमार त्यागी कुल मिलाकर लगभग बीस हज़ार एकत्र कर लिए गए थे। विवाह के निमंत्रण के लिए ...