Ashish Bagerwal लिखित कथा

हथकड़ी - 2

by Ashish Bagerwal
  • 1.8k

रात्रि के समय सभी के उपस्थित होने पर हीरालाल जी ने आज जो बात विनायक जी ने कही वह ...

हथकड़ी - 1

by Ashish Bagerwal
  • 4.1k

जिंदगी किस मोड़ पर कैसे और कब बदल जाए ये कह नही सकते, ऐसा ही कुछ राजपुरोहित जी के ...

श्मशान

by Ashish Bagerwal
  • 3.5k

विरासत में मिले धन को तो समस्त भाई - बहनों ने बराबर बांट लिया लेकिन विरासत में मिली सेवा ...

कंगन - 2

by Ashish Bagerwal
  • 3.5k

पद्मा का मन नहीं लगने के कारण वह कुछ समय के लिए मामा के घर चली गई, जहां उसे ...

कंगन - 1

by Ashish Bagerwal
  • 7.8k

गांव की सभी महिलाएं अपने कंगन तोड़ रही थी परंतु एक बुजुर्ग महिला जो की मृत शरीर था उसको ...

कशिश - पार्ट 4

by Ashish Bagerwal
  • 4.1k

अरे ये तो वहीं पागल लड़की है जो गांव मैं बेगानी होकर फिरती हैं, गांव वाले एक स्वर में ...

कशिश - पार्ट 3

by Ashish Bagerwal
  • 3.2k

अब रविवार का दिन आ जाता है।सभी लोग गांव के मंदिर के पास खड़े होकर मुखिया जी के आने ...

कशिश - पार्ट 2

by Ashish Bagerwal
  • 3.8k

रात की बैठकभोला काका और गांव के सभी सदस्य (महिलाएं ,बच्चे, बुजुर्ग) मुखिया जी का बेसब्री से इंतजार कर ...

कशिश - पार्ट 1

by Ashish Bagerwal
  • 6.1k

हर कोई उसके बारे में जानना चाहता था जो खुद से ही अंजान थी ...उसका नाम तो उसी की ...