आयुषी सिंह लिखित कथा

त्रिधा - 15

by Ayushi Singh
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माया को आशीष जी के साथ भेजकर त्रिधा भी अपना हैंड बैग उठाकर वापस हॉस्टल की तरफ लौट रही ...

त्रिधा - 14

by Ayushi Singh
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सभी की परीक्षाएं शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा था इसीलिए कॉलेज की भी छुट्टियां हो गई ...

त्रिधा - 13

by Ayushi Singh
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शाम को त्रिधा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने हॉस्टल के लिए लौट रही थी कि तभी उसने कुछ ऐसा ...

त्रिधा - 12

by Ayushi Singh
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रात को इस समय भला कौन आया होगा! सोचते हुए त्रिधा ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने खड़े व्यक्ति ...

त्रिधा - 11

by Ayushi Singh
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"वैसे वर्षा शायद उतनी बुरी भी नहीं है।" प्रभात की बोली हुई वह लाइन आज तक त्रिधा के कानों ...

त्रिधा - 10

by Ayushi Singh
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संध्या अपने कमरे में बैठी हुई अपनी मार्कशीट और आज शाम पार्टी में मिले गिफ्ट्स को देख रही थी। ...

त्रिधा - 9

by Ayushi Singh
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प्रभात और हर्षवर्धन कॉलेज कैंपस में बने छोटे से गार्डन में बैठे हुए थे। "भाई तूने अपनी तो ...

त्रिधा - 8

by Ayushi Singh
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त्रिधा कॉलेज कैंटीन में बैठी हुई थी मगर हर्षवर्धन की बात सुनकर वह वहां से उठकर बाहर की तरफ ...

त्रिधा - 7

by Ayushi Singh
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त्रिधा अपने हॉस्टल पहुंची तो देखा सभी लड़कियां अपने अपने घर जाने की तैयारियां कर रही थीं। अब इम्तेहान ...

त्रिधा - 6

by Ayushi Singh
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* अगले दिन कॉलेज में * " त्रिधा " संध्या त्रिधा को देखते ही चिल्ला पड़ी जिसे देखकर त्रिधा ...