सुनसान वीरानी पगडंडी पर वो परछाई न जाने कब से अपनी आहट को समेटे रात के इस अंधियारे को ...
हाथ मे चाकू लिए रोमिल कमरे के एक कोने में खड़ा हुआ था। कमरे में खून पसरा हुआ था। ...
जिस्म से बु आ रही थी उसके। लग रहा था जैसे कई महीनों से नही नहाया। चेहरा भी विक्षिप्त ...
बदन को गुजरती हुई पवन के झोंके ने सहलाया। मैं अचेतन से चेतन की ओर धीरे धीरे अग्रसर हो ...
कोमल की सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी। निवेदिता ने उसका हाथ धरा और आंखों से ही उसे ...
आखिरकार हुसैन ने वो चीज बना ही ली थी जिसके लिए उसने अपने जीवन की आहुति दे दी। रात ...
"पड़ोसी की रात मौत हो गयी है, एक बार उनकी लकड़ी में चले जाना!" सुबह हुई ही नही थी ...
"जिंदगी से अक्सर मैं रूठा रूठा सा था, फिर तुम मिली, जैसे जिंदगी के साज एक साथ मिल गए।" ...
4 जनवरी, 2012 "ये वतन! हमारा है!! इस वतन को फिरकापरस्त लोगो ने कब्जाया हुआ है। मुझे अपनी अपनी ...