DINESH KUMAR KEER लिखित कथा

सच्चा न्याय

by दिनेश कुमार
  • 204

सच्चा न्यायएक बार एक राजा शिकार खेलने गया। उसका तीर लगने से जंगलवासियों में से किसी का बच्चा मर ...

समय का सदुपयोग

by दिनेश कुमार
  • 432

समय का सदुपयोगकिसी गांव में एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही भला था लेकिन उसमें एक दुर्गुण था ...

लालच बुरी बला है

by दिनेश कुमार
  • 567

लालच बुरी बला हैएक बार एक बुढ्ढा आदमी तीन गठरी उठा कर पहाड़ की चोटी की ओर बढ़ रहा ...

रेत के घरौंदे सा

by दिनेश कुमार
  • 480

1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा ...

अवनी के खिलौने

by दिनेश कुमार
  • 744

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी ...

फिजा में हरियाली तुमसे है

by दिनेश कुमार
  • 609

1.कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते, हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!2.सुनो... बहुत ...

आपकी नजरों ने समझा

by दिनेश कुमार
  • 591

1.साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब हम ...

यूंही अच्छे लगते हो

by दिनेश कुमार
  • 639

1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... ...

सांसों में बसे हो तुम

by दिनेश कुमार
  • 666

1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन ...

रिश्ता अनोखा सरलता का

by दिनेश कुमार
  • 600

1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं ...