Dr Shushil Upadhyay लिखित कथा

सबरीना - 32 - अंतिम भाग

by Dr. Shushil Upadhyay
  • (4.4/5)
  • 4.5k

सबरीना (32) ‘कभी लौटकर आओगे प्रोफेसर!’ सबरीना, डाॅ. मिर्जाएव, छोटा चारी एयरपोर्ट पर सुशांत को छोड़ने आए थे। जारीना ...

सबरीना - 31

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4k

सबरीना (31) कोई ईश्वर मदद नहीं करता! सुशांत को लगा कि शायद यूनिवर्सिटी बिल्डिंग पर लाल रंग के नीचे ...

सबरीना - 30

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.8k

सबरीना (30) ’सच में, वो अभागी औरत थी।’ ‘ आपको हैरत होगी, प्रोफेसर तारीकबी मास्को के बाद कभी मेरी ...

सबरीना - 29

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.1k

सबरीना (29) वो खत, जो उन्होंने मेरी मां को लिखे थे।’ सुशांत और सबरीना काफी देर तक ऐसे ही ...

सबरीना - 28

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.1k

सबरीना (28) दानिकोव की लार टपकाती निगाह दानिकोव बार-बार सबरीना की ओर देख रहा था। सुशांत ने एक बार ...

सबरीना - 27

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.1k

सबरीना (27) ‘दस दिन यहां रहेंगे, बीस से बलात्कार करेंगे’ सबरीना ने लड़कियों को तीन हिस्सों में बांटा। सबसे ...

सबरीना - 26

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.8k

सबरीना (26) दानिकोव काफी अदब से मिला जारीना ने डा. मिर्जाएव को गेट की ओर देखने का इशारा किया। ...

सबरीना - 25

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.3k

सबरीना (25) मेरे साथ हिन्दुस्तान चलो सबरीना! ’प्रोफेसर तारीकबी मुझे ले तो आए, लेकिन एक दिन मैं वहां से ...

सबरीना - 24

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.6k

सबरीना (24) ‘हर रोज शराब, हर रोज नए देहखोर, नए ठिकाने।‘ प्रोफेसर तारीकबी हमेशा के लिए विदा हो गए ...

सबरीना - 23

by Dr. Shushil Upadhyay
  • 4.5k

सबरीना (23) ‘सुनो सबरीना! कब्रें खोदने का फितूर ना पालो‘ रात गहरा गई थी। हर रोज से ज्यादा काली ...