Goodwin Masih लिखित कथा

रिक्तता

by Goodwin Masih
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रिक्तता लिफ्ट से निकल कर आर्यन कार पार्किंग की तरफ मुड़ा ही था कि गुलाबी रंग की साड़ी में ...

बर्फ के अंगारे

by Goodwin Masih
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बर्फ के अंगारे खून को जला देने वाली जून की तपती दुपहरी। लोगों के शरीर से पसीना चूह रहा ...

नया सबेरा

by Goodwin Masih
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नया सबेरा हाॅस्पिटल के आपातकालीन कक्ष में प्रवेश करते ही स्नेहा ने वहां मौजूद नर्स को अपना परिचय देते ...

टूटते भ्रम

by Goodwin Masih
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टूटते भ्रम मैं सुबह को उस गली से गुजरता, तो वह अपनी छत पर या छत पे बने कमरे ...

कम्मो डार्लिंग

by Goodwin Masih
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कम्मो डार्लिंग ‘‘नीतेश !...’’ चिर-परिचित आवाज को सुनकर नीतेश के कदम जहां-के-तहां स्थिर हो गये। पीछे घूमकर देखा, तो ...

कतरा भर ज़िन्दगी

by Goodwin Masih
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कतरा भर ज़िन्दगी आईटी मास्टर माइंड के नाम से जाना जाने वाला अविनाश इनफाॅरमेशन टेक्नाॅलोजी की हर सीढ़ी पर ...

कंचन दी

by Goodwin Masih
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कंचन दी ’’डायरी....? यह किसकी डायरी है और मेरी किताबों में कहाँ से आई ?’’ उस अनजानी डायरी को ...

मृत संवेदनाएं

by Goodwin Masih
  • 5.8k

मृत संवेदनाएं गुडविन मसीह दो नौकरों के साथ हरीश ने अपनी दादी जी का रूम खोला और नौकरों को ...

पापा मैं तारा बन गयी

by Goodwin Masih
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पापा मैं तारा बन गयी गुडविन मसीह आधी रात गुजर चुकी थी। आर्यन को नींद नहीं आ रही थी। ...

किराए का कांधा

by Goodwin Masih
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किराए का कांधा गुडविन मसीह स्वाति, जब तक तुम्हें मेरा पत्र मिलेगा, हो सकता है, तब तक मैं इस ...