vinayak sharma लिखित कथा

द मिस्ड कॉल - 1

by vinayak sharma
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विनायक शर्मा लेखक की बात सबसे पहले तो आपका बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने मेरी इस किताब का चयन ...

दिखता नहीं क्या

by vinayak sharma
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दशरथ पढ़ा लिखा वहीं तक था, जहाँ तक कि कुछ लिखा पढ़ सके। दशरथ का बचपन बहुत हिंज्यादा गरीबी ...

सॉरी शोना

by vinayak sharma
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"हेलो तुम दुखी हो....?" आइशा ने अवनीश से पूछा।"हाँ बहुत ज्यादा...!" बहुत ही भारी गले से अवनीश ने उत्तर ...

कर्मवीर - 10

by vinayak sharma
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कुछ दिनों बाद प्रधान का चुनाव होने वाला था। वर्तमान प्रधान एक दिन महावीर सिंह के पास आया। और ...

कर्मवीर - 9

by vinayak sharma
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चारों तरफ कर्मवीर चर्चाएँ शांत होने का नाम नहीं ले रही थी। एक दिन कर्मवीर के मैनेजर का फोन ...

कर्मवीर - 8

by vinayak sharma
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कर्मवीर दो वर्षों बाद अपने गाँव आया था। उसे गाँव ज्यादा बदला हुआ नहीं दिखा। गाँव में उसे कोई ...

कर्मवीर - 7

by vinayak sharma
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आगे की पढ़ाई में कर्मवीर का बहुत ज्यादा मन लगने लगा। उसने चूँकि इस बार अपनी बेहद ही ज्यादा ...

कर्मवीर - 6

by vinayak sharma
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कर्मवीर पहली बार गाँव से बाहर शहर आया था। गणेश के लिए भी यही स्थिति थी। दोनों के लिए ...

कर्मवीर - 5

by vinayak sharma
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वक़्त का पहिया ना तो कभी थमा था और न ही कभी थमेगा। जिस तरह इस धरा पर नदियाँ ...

कर्मवीर - 4

by vinayak sharma
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एक हिंदी कहावत है न कि ‘होनहार वीरवान के होत हैं चीकने पात’। कर्मवीर भी जब बच्चा था तभी ...