Nasira Sharma लिखित कथा

जड़ें

by Nasira Sharma
  • 6.8k

जड़ें ”इंडिया---इंडिया---कैसा होगा इंडिया|“ गुलशन ने बहते आँसुओं को पोंछते हुए अपनी नीग्रो आया से पूछा।”अच्छा, बहुत अच्छा।“ नीग्रो ...

गूँगा आसमान

by Nasira Sharma
  • 8.5k

गूँगा आसमान प़फ़रशीद ने कूरे पर तिरयाक़ का टुकड़ा लगा, लंबा कश खींचा। दरवाज़े पर मेहरअंगीज़ के हाथों की ...

ख़ुशबू का रंग

by Nasira Sharma
  • 10.8k

ख़ुशबू का रंग परिन्दों के लौटने का मौसम आ गया है। बफ़र् पिघल-पिघल कर पहाड़ों के दामन पर जमा ...

काला सूरज

by Nasira Sharma
  • 17.4k

काला सूरज रोज़ रात को राहब मोआसा एक ही सपना देखती कि उसके देश यूथोपिया की सारी ज़मीन हरी-हरी ...

इमाम साहब

by Nasira Sharma
  • 47k

इमाम साहब अज़ान का वक़्त तंग हो रहा था। आँतें कुल हो अल्लाह पढ़ रही थीं मगर खाने का ...

इनसानी नस्ल

by Nasira Sharma
  • 11.9k

इनसानी नस्ल खिड़की से घुसती गरम हवा अपने साथ पत्तियाँ-तिनके और सूखी, बेकार की चीज़ें उड़ाकर ला रही थी। ...

सरहद के इस पार

by Nasira Sharma
  • 48.5k

सरहद के इस पार खपरैल तड़ातड़ कच्चे आँगन में गिरकर टूट रही थी। मगर किसी में हिम्मत नहीं थी ...

यहूदी सरगर्दान

by Nasira Sharma
  • 11.9k

यहूदी सरगर्दान शराबख़ाने में मेरी मेज़ के ठीक सामने वह बैठा था। मुझे यहाँ बैठे लगभग चार घंटे हो ...

मेरा घर कहाँ

by Nasira Sharma
  • 25.2k

मेरा घर कहाँ लाली धोबिन की मिट्टी तभी से पलीद थी जब से उसका मरद मरा था। तीन बच्चों ...

नई हुकूमत

by Nasira Sharma
  • (4.3/5)
  • 16.6k

नई हुकूमत हाजरा अधेड़ उम्र की दहलीज़ पारकर लुटी-पिटी तन व तन्हा शौहर के घर से जब माँ की ...