Neha kariyaal लिखित कथा

ज़िंदगी की खोज - 2

by Neha kariyaal
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तारा का जवाब देना उसे अपना अपमान लग रहा था। बिना बात के ही उन दोनों में तू तू ...

ज़िंदगी की खोज - 1

by Neha kariyaal
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कुछ क्षण के लिए ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वक्त ने खुद को रोक लिया हो।पेड़ से गिरती ओस की ...

दुःख क्या है?

by Neha kariyaal
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मेरे विचार से दुःख क्या है?दुख एक ऐसा अनुभव है जिससे कोई नहीं बचता, लेकिन हर कोई उससे कुछ ...

मैं कौन हूँ?

by Neha kariyaal
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क्या आपने कभी खुद से ये सवाल किया है- "मैं कौन हूँ?" मीरा भी ऐसे ही एक सुबह इस ...

समुंद्र के उस पार - 7

by Neha kariyaal
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तृषा ने हामी भरी और रवि से कहा चलो थोड़ा ओर आगे बढ़ते हैं, शायद आगे कोई सुरक्षित स्थान ...

समुंद्र के उस पार - 6

by Neha kariyaal
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रवि मुस्कराया,“ठीक है, जैसा तुम चाहो… मैं तुम्हारे साथ चलूंगा।”रवि और तृषा दोनों दादी से मिलने गांव की ओर ...

बारिश एक कहानी

by Neha kariyaal
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"कुछ लोग ज़िंदगी में बहुत कम बोलते हैं, लेकिन उनकी चुप्पी भी बहुत कुछ कह जाती है। कभी वो ...

समुंद्र के उस पार - 5

by Neha kariyaal
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सब लोग एक जैसे नहीं होते... उन्होंने वादा तो कर दिया था, लेकिन अब उनके दिलों में एक नया ...

छत का एक कोना

by Neha kariyaal
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यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। ये कहानी मैंने अपने अनुभव से लिखी, जो मैं महसूस करती हूँ। एक ...

समुंद्र के उस पार - 4

by Neha kariyaal
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मुझे जानना है आगे क्या हुआ..." इस पर रवि मुस्कराते हुए कहता है, "तृषा, थोड़ा सबर रखो... परोफेसर थक ...