सबसे बड़ा परिवर्तन उसमें यही आया कि वह अपने अनजान मित्र उस लड़के को लेकर बुरी तरह आक्रामक हो ...
वह अब लड़के का फ़ोन उठाने से बचता। कई बार फ़ोन आने पर ही किसी मज़बूरी में उसे उठाता ...
शायद वो लड़का उसके एक लेखक होने के कारण उसकी ओर आकर्षित हो गया हो और उसे भी लिखने- ...
सुबह से लेकर रात तक वह उसके साथ बातों में लगा रहता। मानो कोई ऐसा साथी मिल गया जो ...
"त्रास खनन"ऐसा लगता था जैसे वो अकेला ही नहीं बल्कि उसके साथ कमरे की दीवारें, पर्दे, खिड़कियां और छत ...
बस बुरी तरह से भरी हुई थी। ऊपर, पीछे, दरवाजों पर लोग लटके हुए थे। अंदर तीन की सीट ...
अमिताभ बच्चन के जलाल के बाद कुछ सालों के लिए तो फ़िल्म उद्योग में "नंबर वन" की बात ही ...
साठ का दशक शुरू होते- होते फ़िल्मों में विश्वजीत, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर आदि भी अपनी जगह बनाते हुए ...
देश आज़ाद होने के बाद पहले दशक में अशोक कुमार, भारत भूषण, महिपाल, प्रदीप कुमार, बलराज साहनी, किशोर कुमार, ...
हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ़र में ...