Pranjali Awasthi लिखित कथा

आखिरी गंतव्य

by Pranjali Awasthi
  • 8.8k

शान्त चित्त और सधे हुये कदमों से वो रेलवे स्टेशन की तरफ़ बढ़ रही थी। अपनी उलझनों के खत्म ...

प्रेम का एक अवगुण-- जलन

by Pranjali Awasthi
  • (3.9/5)
  • 15.8k

"तुम को जलन हो सकती है क्या " जब अरूण ने पूछा तो सुजाता अवाक् थी ।"अरे, ये भी ...

विवाह के स्वरूप

by Pranjali Awasthi
  • 9.4k

Pranjali Awasthi pranjaliawasthi@gmail.com 'सुनत हो बहुरिया !!! किशन दद्दा के छोरे ने ,,,,,अअअअऊ का कहत हैं .....हाँ ...

सिर्फ़ तेरे लिए ...गज़लों में हूँ मैं

by Pranjali Awasthi
  • 8.6k

कुछ अल्फ़ाज दिल से निकल कर पन्नों पर बिखर गए और जब समेटने चली तो गज़ल बन गए और ...

विवाह एक बंधन

by Pranjali Awasthi
  • 21.5k

विवाह एक बन्धन है रिश्तों को बाँधने का और बँधने का महज कुछ विचार जो मेरे निज़ी हैं ।

अव्यक्त कालिमा

by Pranjali Awasthi
  • (4.3/5)
  • 7.9k

बचपन और किशोरावस्था में झेले यौन दुराचार के दंश की अव्यक्त कालिमा से गुजरती युवती की मनोदशा को दर्शाती ...

आधुनिक सोच की वशीभूत एक प्रेम कहानी

by Pranjali Awasthi
  • 13.4k

आधुनिक सोच की वशीभूत एक प्रेम कहानी ऐसी भी ......नायिका अभिव्यक्ति की प्रेम पाती अपने नायक वक्तव्य के नाम ...

beti

by Pranjali Awasthi
  • (4.8/5)
  • 9.5k

दहेज सामाजिक कुप्रथा है और समाज में महिलाओं की स्थिति रूढ़िवादी मानसिकता के तले दब कर दयनीय हो जाने ...