kirti chaturvedi लिखित कथा

रमा

by kirti chaturvedi
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आज बाबुल के अंगना से रमा की बेटी पूनम की विदाई हो रही थी। कन्यादान बेटी के चाचा और ...

तुलसी

by kirti chaturvedi
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इस सत्य प्रसंग की चर्चा यहां करने का उदृेश्य यह कतई नहीं है कि मेरे द्वारा किसी की मदद ...

मां

by kirti chaturvedi
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यह मर्मस्पर्शी संस्मरणात्मक कहानी मेरी मां श्रीमती सुमन चतुर्वेदी द्वारा एक सत्य घटना पर लिखी गई थी। तब यह ...

किस्मत

by kirti chaturvedi
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सुहानी घर से निकली तो बाहर बदली सी छा रही थी। मौसम सुहाना लग रहा था। शीतल बयार के ...

जुदाई

by kirti chaturvedi
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घर का काम पूरा हो चला था। कुछ ही दिनों बाद उन्हें दूसरी मंजिल पर सामान जमा कर रखना ...

रहनुमा

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रहनुमा आज ईद का दिन था। साहिल नमाज़ पढ़ने गए हुए थे। अंबर घर को सजाने में लगी थी। ...

ज़िंदगी के इंद्रधनुषी रंग

by kirti chaturvedi
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कहते हैं कि होई वही जो रब रची राखा। कभी—कभी ज़िंदगी में ऐसे लम्हे गुजरतें हैं कि पता ही ...

गुलाबी लिफाफा

by kirti chaturvedi
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आज समीर की शादी की पच्चीसवीं सालहिरह थी। शाम में सब दोस्त और परिवारजन आने वाले थे। वह मंदिर ...

बाला

by kirti chaturvedi
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बालाबाला का दिल बहुत जोर से धड़़क रहा था। अविरल उसकी प्रतीक्षारत था। उसे बहुत कोफत हो रही थी। ...