Rahul लिखित कथा

.... जाल - 2

by Rahul
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...मेरे..वक्त की हसीन लम्हो की, तुम वो किताब हो,जिसके हर एक पन्ने पर नाम है .."तुम्हारा"।कहा से ढूंढकर लाते ...

अधूरा अहसास.. - 3

by Rahul
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........दिन बहुत तेजी से चल रहे थे।और साथ ही एक दूसरे के लिए दिलों में काफी तूफान भी मचल ...

.... जाल - 1

by Rahul
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........... कैसी हो तुम..? मैं ठीक हूं. कहते हुए नीलिमा ने ,नारंग के सवाल का जवाब दे दिया।आजकल व्यस्त ...

अधूरा अहसास.. - 2

by Rahul
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..... निरंजन अब परेशान होने लगा था।उसे जिन चीजों की कीमत मालूम थी,वो तो आसानी से बता देता था।मगर,कुछ ...

अधूरा अहसास.. - 1

by Rahul
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.नमस्ते ....आंटी जी ..नमस्ते बेटा कैसे हो।?मैं ठीक हूं आंटीजी आप कैसे हो.?मैं भी बढ़िया हूं.!राधिका कहा है.?वो अपने ...

इंसान... - 3

by Rahul
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.......हरिया सड़क से बैलों को दौड़ते हुए ले कर आ रहा था।उनके गलें में बंधी हुई घंटियां काफी लय ...

....Laxmi. Another name of her.

by Rahul
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...उससे बात करकर ऐसा लगा था ...किसी की आवाज इतनी भी मिठी हो सकती है..?बिना देखे ..कोई तुम्हारे मन ...

... मन के अंदर.

by Rahul
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....हर एक व्यक्ति अपनेआप में एकदम से निराला होता है।उसके जैसा कोई नहीं।अपनी एक खास पहचान लिए हम घूमते ...

.... मनातील

by Rahul
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..... प्रथम दर्शनी एखाद्या व्यक्तीचं आपल्या मनावर जे काही म्हणून प्रतिबिंब उमटत असते,त्या सगळ्यात मोठा वाटा हा त्या व्यक्तींच्या ...

इंसान... - 2

by Rahul
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..........गंगादास का घर जहा बाजार भरता था उसके लगभग एक किमी की दूरी पर था।इसीलिए उसे कोई वाहन लाने ...