vivekanand rai लिखित कथा

भारतीय ज्ञान परंपरा

by vivekanand rai
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अनेक बार यह कहा जाता है कि- 'न मूलं लिख्यते किञ्चित।' ऐसे लोगों से जब प्रश्न पूछिये कि आखिर ...

कलियुग का लक्ष्मण

by vivekanand rai
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कलियुग का लक्ष्मण-------------------" भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना ...

रामायण का थाईलैंड में प्रभाव

by vivekanand rai
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रामायण ‘’राम’’ एक मंत्र, एक जादुई शब्‍द, मूर्तिमान ईश्‍वर, सर्वव्‍यापक, जो मिट्टी के कण-कण में विद्यमान है, एक ...

भारत के प्रति विश्‍व का ऋण

by vivekanand rai
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सम्पूसर्ण दक्षिण-पूर्व एशिया को अपनी अधिकांश संस्कृसति भारत से प्राप्तु हुई। ईसा पूर्व पॉचवीं शताब्दी। के प्रारंभ में पश्चिमी ...

और जनता हार जायेगी

by vivekanand rai
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वे दिन बीत गए जब संसदीय जनतंत्र और कल्या्णकारी राज्य् एक-दूसरे के लिए कार्य करते थे। हालांकि दोनों औद्योगिक ...

भारत की रणनीतिक चुनौतियां

by vivekanand rai
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भारत की रणनितिक चुनौतियां ब्रिक्स सम्मेलन में भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद आतंकवाद के ...