Saadat Hasan Manto लिखित कथा

हुस्न कि तख़लीक़

by Saadat Hasan Manto
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  • 37.6k

कॉलिज में शाहिदा हसीन-तरीन लड़की थी। उस को अपने हुस्न का एहसास था। इसी लिए वो किसी से सीधे ...

हारता चला गया

by Saadat Hasan Manto
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लोगों को सिर्फ़ जीतने में मज़ा आता है। लेकिन उसे जीत कर हार देने में लुत्फ़ आता है। जीतने में ...

हामिद का बच्चा

by Saadat Hasan Manto
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लाहौर से बाबू हरगोपाल आए तो हामिद घर का रहा ना घाट का। उन्हों ने आते ही हामिद से ...

हाफ़िज़ हुसैन दीन

by Saadat Hasan Manto
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हाफ़िज़ हुसैन दीन जो दोनों आँखों से अंधा था, ज़फ़र शाह के घर में आया। पटियाले का एक दोस्त ...

हरनाम कौर

by Saadat Hasan Manto
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निहाल सिंह को बहुत ही उलझन हो रही थी। स्याह-व-सफ़ैद और पत्ली मूंछों का एक गुच्छा अपने मुँह में ...

हतक

by Saadat Hasan Manto
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दिन भर की थकी माँदी वो अभी अभी अपने बिस्तर पर लेटी थी और लेटते ही सो गई। म्युनिसिपल ...

हज्ज-ए-अकबर

by Saadat Hasan Manto
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इम्तियाज़ और सग़ीर की शादी हुई तो शहर भर में धूम मच गई। आतिश बाज़ियों का रिवाज बाक़ी नहीं ...

हजामत

by Saadat Hasan Manto
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“मेरी तो आप ने ज़िंदगी हराम कर रखी है…. ख़ुदा करे मैं मर जाऊं।” “अपने मरने की दुआएं क्यों मांगती ...

स्वराज के लिए

by Saadat Hasan Manto
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मुझे सन याद नहीं रहा। लेकिन वही दिन थे। जब अमृतसर में हर तरफ़ “इन्क़िलाब ज़िंदाबाद के नारे गूंजते ...

सौदा बेचने वाली

by Saadat Hasan Manto
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सुहैल और जमील दोनों बचपन के दोस्त थे...... उन की दोस्ती को लोग मिसाल के तौर पर पेश करते ...