वृद्ध जीवन की समस्या मार्मिक है बेटा प्रधान समाज में केवल बेटे की ही ज़िम्मेदारी नहीं है ...
यह कहानी प्रतियोगिता के लिए है । शौचालयों की समस्या पर लिखी गई यह कहानी सोचने मजबूर करती है ...
यह कहानी एक लेखक और पाठक के सम्बन्धो की कहानी है लेखक भले ही लिखता है पाठक ...
यह कहानी म्रत्यु के विलाप को कम करने की कवायद करती है भले ही मृत्यु से प्रियजन ...
“ लो आ गए तुम्हारे ढब्बूजी ”कमली ने आँगन में सीन्कचों के झाड़ू लगाते हुए खुद को रोका । छपाक ...
मेरा यह काव्य संग्रह उन रिश्तो के नाम है जिन्होंने मुझे विश्वास बुनना सिखाया जिन्हें विश्वास की ...
रुणक-झुणक....रुणक-झुणक की दूर से आती आवाज़ ने नारायण को उनीन्दे से जगा दिया नारायण उचक कर बिस्तर ...
संगीता सेठी के काव्य संग्रह मै धरती ...तू आकाश की कविताएं आश्वस्त करती हैं की ...