SARWAT FATMI लिखित कथा

तुम्हारा एहसास

by SARWAT FATMI
  • 1.1k

तुझे पाकर मुझे सुकून सा मिला तेरे से बात करके अपना पन सा लगा तुम कुछ भी नहीं फिर ...

मशरूफियत

by SARWAT FATMI
  • 993

मशरूफियतमशरूफियत इस कदर होगयी हैँजैसे कभी मैं वो थी ही नहींअपनों के बिच रह करखुद को तन्हा पायाअकेलेपन को ...

सजावटी मुस्कुराहट

by SARWAT FATMI
  • 1.1k

सजावटी मुस्कुराहटलोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में ...

सुकून

by SARWAT FATMI
  • 1.5k

सुकूनकभी तेरे लिए मैं,और मेरे लिए तुम एक अजनबी थेपर अब मेरी जिंदगी बन गए हो मेरे दिल के ...

मेरी खट्टी मिट्टी यादे

by SARWAT FATMI
  • 3.7k

मेरी खट्टी मिट्टी यादे कुछ पल यु गुज़र जाते हैँ जिसे हम जीना चाहते हैं ...

भूले नहीं भूली जाती

by SARWAT FATMI
  • 3.5k

आंखे नम हैँज़ुबान लड़खड़ा रही हैँशायद कुछ कहना हैँ ,पर जज़्बातों ने रोक लिया ,क्यों ??? पता नहींजिंदगी युही ...

फर्क पड़ता हैं

by SARWAT FATMI
  • 4.2k

फर्क पड़ता हैं मुझेमुझे तेरी ख़ामोशी से फर्क पड़ता हैं ये बात कैसे बताऊं तुम्हेतेरी छोटी छोटी हरकतो से ...

एक औरत की कहानी सर्वत की ज़ुबानी

by SARWAT FATMI
  • 5.4k

एक औरत की कहानी सर्वत की ज़ुबानीहम औरत भी ना बहुत हीं ख़ामोशी से अपने काम कर जाते हैं,चाहे ...

मेरी भूल का एहसास

by SARWAT FATMI
  • 7.4k

एहसास तेरा एहसास हर पल हैं पर क्यू इस एहसास में भी तूम नहीं हो साथ थे तो दूर ...

लोगो का तो काम हैं बोलना

by SARWAT FATMI
  • 10.6k

लोगो का काम हैं बोलना हमारा काम हैं चलना लोगो का क्या आज आप पर बोले कल दूसरे पर ...