डॉ. शैलजा श्रीवास्तव लिखित कथा

साथिया - 126

by Dr. Shelja

"आप सांझ को जानते हैं क्या.." तभी अचानक से नेहा बोली तो अक्षत के चेहरे की मुस्कुराहट बड़ी हो ...

साथिया - 125

by Dr. Shelja
  • 764

उधर ईशान के कमरे मे"छोड़ो ना मुझे इशू देखो सुबह हो गई है। सब लोग उठ गए होंगे और ...

साथिया - 124

by Dr. Shelja
  • 1.1k

तु मेरे पास है मेरे साथ है और इससे खूबसूरत कोई एहसास नही। आज सुकून मिला है इस बेताब ...

साथिया - 123

by Dr. Shelja
  • 1.1k

मनु ने सांझ को ले जाकर अक्षत के कमरे में बेड पर बिठाया और उसका घूंघट नीचे कर दिया ...

साथिया - 122

by Dr. Shelja
  • 987

साधना ने दरवाजे पर ही अक्षत और ईशान को रोक दिया और फिर दोनों बेटों के उनके जीवनसाथी के ...

साथिया - 121

by Dr. Shelja
  • 1.1k

शालू और सांझ आराम से बिस्तर पर लेटी अपनी-अपनी मेहंदी देख रही थी।"कितनी अच्छी फीलिंग होती है ना शालू ...

साथिया - 120

by Dr. Shelja
  • 1.1k

" डोन्ट वारि सांझ इतना नही करूँगा कि बर्दास्त न हो उनसे..!! पर तुम भूल सकती हो और माफ ...

साथिया - 119

by Dr. Shelja
  • 1.1k

थोड़ी थोड़ी देर में सब लोग तैयार होकर हॉल में इकट्ठे हो गए थे।जहां पर ईशान शालू अक्षत और ...

साथिया - 118

by Dr. Shelja
  • 1.1k

अक्षत घर आया और तो देखा हॉल में ही साधना और अरविंद बैठे हुए हैं।"क्या हुआ आप लोग इस ...

साथिया - 117

by Dr. Shelja
  • 1.3k

उधर अबीर और मालिनी घर की तरफ आ रहे थे।"क्या लगता है तुमको मालिनी सांझ माफ करेगी मुझे..?? इतनी ...