गुड्डू ने झटपट अपनी टेबल खाली कर दी थी. बाउजी ने वहीं अपना सामान जमाया. दो-तीन दिन खूब रौनक ...
सुधीर की आवाज़ पड़ गयी थी बाउजी के कानों में. उन्हें लगा, लौट जायें, लेकिन फिर आ गये टेबल ...
सरोज और सुधीर, दोनों का ही महीने के पहले हफ़्ते में मूड अच्छा रहता है, तब तक, जब तक ...
आप सोच रहे होंगे कि हम इतना सब क्यों बता रहे? अरे भाई! न बतायें, तो आप बाउजी को ...
अचानक गुड्डू को याद आया कि उसके स्कूल में भी तो लोककला पेंटिंग होने वाली है, वो भी नेशनल ...
’नमस्ते बाउजी. कैसे हैं?’बाहर बरामदे में बैठे बाउजी यानी रामस्वरूप शर्मा जी, सुधीर के दोस्त आलोक के इस सम्बोधन ...
दोनों बहनें पहले रक्षाबंधन पर गांव आती थीं , दो-चार दिन आराम से बीतते उनके फिर कुंती की बड़बड़ाहट ...
कुंती ने पहले कभी ध्यान नहीं दिया था, लेकिन अब देख रही है कि हर आदमी उससे दूर भाग ...
कुंती की समझ मे भी सुमित्रा जी की सलाह आ गयी थी शायद। गाँव पहुंचते ही उसने सबसे पहले ...
साल भर तक तो कुंती छोटू के घर गयी ही नहीं। बाद में जब छोटू की बेटी की शादी ...