Vijay Erry लिखित कथा

बेमिसाल यारी

by Vijay Erry
  • 174

बेमिसाल यारीलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००१गाँव का नाम था कल्याणपुर। गंगा किनारे बसा यह गाँव आज भी ...

सपनों की बारिश

by Vijay Erry
  • 269

सपनों की बारिशलेखक: विजय शर्मा एरी(अजय के लिए समर्पित)भाग १: बादलों का आनाअजय की आँखें खुलीं तो कमरे में ...

काल की पुकार

by Vijay Erry
  • 549

काल की पुकारलेखक: विजय शर्मा एरी(शब्द गणना: लगभग १५००)गाँव का नाम था कालपुर। चारों तरफ़ घने जंगल, बीच में ...

प्यारी पिकनिक

by Vijay Erry
  • 504

प्यारी पिकनिकलेखक: विजय शर्मा एरीसूरज की पहली किरणें जब हिमालय की चोटियों को छूती हैं, तो पूरा कश्मीर सोने ...

सपना हुआ सच

by Vijay Erry
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सपना हुआ सचलेखक: विजय शर्मा एरीभाग १: गाँव की मिट्टी में बस्ता सपनाराधेश्याम का घर गाँव के आखिरी छोर ...

अनोखी चाय

by Vijay Erry
  • 645

अनोखी चायलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव का नाम था चंदनपुर। पहाड़ों की गोद में बसा यह गाँव ...

पौराणिक सत्य

by Vijay Erry
  • 669

पौराणिक सत्यएक हिंदी कहानीलेखक: विजय शर्मा एरी(शब्द गणना: लगभग १५००)प्रथम अध्याय: गाँव का रहस्यहिमालय की गोद में बसा था ...

सपनों का आशियाना

by Vijay Erry
  • 624

सपनों का मंडपलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००भाग १ – सपनों की बुनियादअजय की नींद टूटी तो उसने ...

खास बुलावा

by Vijay Erry
  • 909

खास बुलावाविजय शर्मा एरीउस शाम दिल्ली की सड़कें बारिश से धुली हुई थीं। नवीन ने अपनी पुरानी स्कूटर को ...

वक़्त का पहिया

by Vijay Erry
  • 741

वक़्त का पहियालेखक: विजय शर्मा एरीमार्च २०२०। दिल्ली की मेट्रो में खड़ा था मैं, कान में ईयरफ़ोन, आँखें बंद। ...