Yogesh Kanava लिखित कथा

सब्जीवाला

by Yogesh Kanava
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सब्जीवाला आज भी दफ्तर से आते आते काफी देर हो गई थी । कपड़े चेंज करके वह सोच ...

शर्माइन

by Yogesh Kanava
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दोनों उसी दिन से काम पर लग गए थे सीमेंट फैक्ट्री में पत्थर उठाकर क्रसर तक ले जाने होते ...

प्रीत की बाहों

by Yogesh Kanava
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प्रीत की बाहों आज पूरे दो बरस हो गए रोहित को गए हुए । ...

डी एन ए

by Yogesh Kanava
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डी एन ए कासिम ज़रकारी के घर आज लोगों की बहुत आवा-जाही थी , कारण ...

फ़रजाना

by Yogesh Kanava
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बार-बार यही प्रश्न कौंध रहा था कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। साहिल ने ऐसा क्यों किया जो अपनी पत्नी ...

वानर पुत्र नहीं है मानव

by Yogesh Kanava
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अपनी आदत के अनुसार ही शर्माजी आज भी सुबह ही घूमने निकल गए। कमर का दर्द अब पहले से ...

वो लड़का

by Yogesh Kanava
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वो लड़का आज फिर से दीपेश बॉस की डाँट खाकर आया। वो बिल्कुल उखड़ा हुआ था। रोज़-रोज़ की डाँट ...

त्रिबंका

by Yogesh Kanava
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त्रिबंका छोटेलाल आज बहुत खुश थे बरसों के बाद उसके घर में खुशियों का माहौल आया था और ...

धर्म सीखना है तो इन लोगों से सीखो

by Yogesh Kanava
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उनके विवाह को कोई पन्द्रह साल हो गए थे किंतु अभी तक घर में कोई किलकारी नहीं थी नीम ...

एक तपस्या ऐसी भी

by Yogesh Kanava
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एक तपस्या ऐसी भी आज घर में बहुत गहमा गहमी है । पूरे बाइस बरस के बाद मोनिका के ...