इंद्रजा - 1

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भाग-१मोहे रंग दो लाल मोहे रंग दो लाल नंद के लाल लाल छेड़ो नहीं बस रंग दो लाल मोहे रंग दो लाल देखूं देखूं तुझको मैं होके निहाल देखूं देखूं तुझको मैं होके निहाल छू लो कोरा मोरा कांच सा तन नैन भर क्या रहे निहार मोहे रंग दो लाल नंद के लाल लाल छेड़ो नहीं बस रंग दो लाल मोहे रंग दो लाल दिव्या.._ "जिजा...जिजा...ए बाळा..ऐक जरा.." (त्या खोली बाहेरुन आवाज देत होत्या) जिजा.._ "हाय..गुड़ मॉर्निग आई....." (जिजा गाण बंद करत म्हणाली)दिव्या.._ "गुड़ मॉर्निग बाळा..तुझ झाल असेल तर चल नाश्ता करायला बाबा वाट बघत आहेत तुझी" जिजा.._ "हो आलेच