चंपा - भाग 18

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चंपा"लेकीन तुझे समझता नही हें अरे चंपा धंदेपे बैठेगी तो क्या होगा। गजब होगा, गली मे घुसने के लिये भी जगा नही होगी। हम लाखों मैं खेलेंगे तुझे समझ कैसी नाही रे...?“ चाचा बोलत होता तसे राघवन चे हात शिवशिवत होते."देख तू वो वकील लोंडा हे न उसका उसे लेकर आयेगी साथ, नक्की उन दोनो का प्लॅन होगा कुछ तो, साली रंडी की औलाद उसे पता नही उसकी जगा यही हें। कुछ किताब पढि और शानपत्ती करने लगी। साली हरामी आंटी सर पे बिठाया उसको बोला था मत सून लेकींन नही, मेरी बेटी धंदेपे नही बैठेगी... दूसरोंकी लडकिया लाके बिठाएगी